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This is a song

तू जो रहेता है छिपकर मेरे खयालो में बेवजह दिल ये मेरा उलझा है सवालो में तू क्यों रहेता है छिपकर मेरे खयालो में खामखाह दिल ये मेरा उलझा है सवालो में तुझसे मिलने की अब उम्मीद कोई बाकी नहीं तुझको देखेंगे अब हम चाँद या सितारों में कर दी दीवानगी की हद मैंने खोया खुद को जो तुझको पाने में मिट गए हम न मिटा इश्क मेरा ऐसा होता है क्या ज़माने में, ऐसा होता है क्या इस ज़माने में हम थे नासमझ जो न समझे तुम जो समझा गए इशारो में ....तू क्यों रहेता है..