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Showing posts from September, 2013
आज वापस करने हो आये हो तो, क्या यु ही ले लुंगी देखना परखना पड़ेगा, सबकुछ वैसे का वैसे है या नहीं? दिल दिया था तो साथ में जज़्बात भी तो दिए थे उनको भी थोड़ी बहुत कीमत है की नहीं? खरोच इधर उधर के, चलो जाने भी दो लेकिन मेरे अरमानो , सपनो और उम्मीदों का कुछ तो हिसाब करो दिए थे मैंने हरे-भरे, मुरझाया सा लौटाते हो? ले जाओ मुझेको नहीं चाहिए, किसको मुर्ख बनाते हो? मुंह फेर पटक कर सब मीट्टी में तुम, छुडा चल दिए हो दामन सारी उम्र कटेगी मेरी, सिचेंगे इनको फिर से नयनो के सावन
मै क्या कोयी , सडा अन्ग था तेरा जो यु तुमने , काट फ़ेका मुझे है न आवाज देते हो, ना गुहार सुनते हो थक नैन दीपक, अब मेरे बुझे है जिन्दगि हसती है मुझ्पर, मौत परिहास करती शर्मिन्दा मै खुदसे, क्यु फ़िर भी तेरी बाट तकती बाटने मे तुझको , है तकलीफ़ मुझको तुकडो मे खुद ही जिसका है, बिखरा वजूद उसी हाथ से तुकडे इस दिल के समेटु जिनको ख्वहिश कभी थी, तुम करोगे कबूल
बडे जोर कल को हवाये चली थी बाल बिखरे थे मेरे,दोनो जम के बरसी थी नम हुई तो धरती पर ये सुजी पडी है अब भी मन पे मन्डराते जो बादल घने है
मानोगे तुम, जब ये जानोगे तुम लेहेकती है बाती, बस तब दिये को फ़ून्क से जब अन्जाने इसको, बुझाते हो तुम बुझते हि इस दिल के, होगा घुप अन्धेरा रोशनी ्हमारे प्यार कि , सदा को खो जाओगे तुम गिरोगे, उठोगे , फ़िस्लोगे , सम्ह्लोगे उन्ग्लियो से दामन मेरा टटोलोगे तुम खुश्बू सी शायद तुम्को ,मेह्सूस हो भी जाये रन्ग प्यार का रत्ती भर नादेख पाओगे तुम
जो तुम हो तो सब है, तुम नहि तो कुछ नही ये एह्सास अखिर, मुहब्बत नहि है, तो क्या है?
जो न होता वरदान मुझे, शब्दों की माला पिरोने का कैसे भला याद रख पाती तुमको की अक्स बस दीखता है तेरा, हरेक बार मुझको जब भी उंगलियों ने मेरी, थामी कलम है
दर्द सा कुछ कुछ और कुछ खाली सा महसूस तो दिल में होता ही आया है लेकिन कहूं क्या और वो भी किसको तुम बिना बताये की सब जानते हो और फिर लोगो को भी कहके क्या होगा वो तो बेगाने, बेगाने रहेंगे
बेइमान तुम, बड़े बेइमान तुम झूठ-सांच, छल कपट के जंजाल तुम नादान मैं, मेरा बेवकूफ मन की मैं, मेरा सारा जहाँ सिर्फ तुम
पिया जो आये मेरे देश, हाथ की लकीरे भी मेहँदी से रचने लगी पलके नाचे , यु थिरके, करे खेल कैसे कैसे, ख्वाब अनदेखे, बुनने लगी होश तन का न मन का,न फ़िक्र जहाँ की - मन हुआ है यु पागल हर खिड़की को खोले, है तैयार बैठा - होने को आज तेरी नज़रो से घायल