हॊनॆ दॊ परिवर्तन‌

हॊनॆ दॊ प‌रिव‌र्त‌न‌
हॊ ही जायॆ अब‌
कितनॆ आयॆ और‌ गयॆ
झुलसतॆ इन हालातॊ मॆ
आखिर कब तक ऐसॆ चळेगा
और कितनॆ यूगॊ करॆगा इन्त्ज़ार‌
अपना समाज‌
हॊनॆ दॊ प‌रिव‌र्त‌न‌
कीतनी सीता
और कीतनी राधा
बन्द् करॊ
यॆ पॊथी पूरान
मै नही कॊइ नाइका
इन कहानीयॊ की
लिख्नना है मुझकॊ खूद अब अपना इतीहास‌
चलो मुझॆ अब सॊचनॆ दॊ
मॆरा भविस्य
करॊ अब तुम इन्तॆज़ार‌
आनॆ का मॆरॆ और मॆरॆ फिर आनॆ का
मैनॆ माप ळीया मेऱी जामीण्
अब बस छूना है अस्मान
बस‌
ऐसा भी नही कॆ ये कॊयि असान‌
रास्ता चुना है मैनॆ
छॊड कर सारा समाज‌
हॊकर अकॆली
और असुरखित
मैनॆ थामी मशाल‌
बनकर मै मॆरा परिचय‌
बस अब‌
और नही
हॊनॆ दॊ परिवर्तन‌

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