Shayari - Gazal (Whatever it sounds like)
लग कर गले तुम्हारे कर ली हर आरज़ू पूरी
ग़म है तो बस इतना की उन बाहों मे ना मर सके हम
ख्वाब था वो पल भर का - अब बन गया है सबकुछ
कहने को हम नही थे पर अगर कभी थे तो हम वही थे
शिकवा नही है हमको की दूर हो गये हम
कम्बख़त हमारा दिल ये उस पल मे थम गया बस
आगे निकल गये तुम-छीनकर हमारी साँसे
ये जिस्म रह गया है - वो भी नही हमारा
हमने तो बस जिया है - उस एक पल को जी भर के
जब बाहों मे थे हम तुम्हारे और
हमारी सांसो मे थे तुम...सिर्फ़ तुम!
ग़म है तो बस इतना की उन बाहों मे ना मर सके हम
ख्वाब था वो पल भर का - अब बन गया है सबकुछ
कहने को हम नही थे पर अगर कभी थे तो हम वही थे
शिकवा नही है हमको की दूर हो गये हम
कम्बख़त हमारा दिल ये उस पल मे थम गया बस
आगे निकल गये तुम-छीनकर हमारी साँसे
ये जिस्म रह गया है - वो भी नही हमारा
हमने तो बस जिया है - उस एक पल को जी भर के
जब बाहों मे थे हम तुम्हारे और
हमारी सांसो मे थे तुम...सिर्फ़ तुम!
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