तुम्हारा सपना

सुबह सुबह - जब आँखे खोली.
तुमने कहा - तुम्हारा सपना.
नही जानते तुम अभी ये.
वो तो था सच-बंद आँखो को.
लाल मेरे अब जाग गये हो.
लेकिन यही कहूँगी तुमसे.
रहो जागे या हो पलके उनिंदी.
बाल मेरे-तुम सपने देखो.
सपने देखो - सच्चे झूठे.
सपने देखो- कल के - आज के.
सपने देखो - बड़े बड़े तुम.
कई उचाईयो को छुने की.
हर बाधा को पार करने की.
पाओगे तुम जो चाहोगे.
इतना करो की सपने देखो.
लेकिन मेरा मा कॅ दिल है.
कही ये बा त भी होती है
सपनो को बस सपना समझो.
जीवन के हर पल को जी लो
सपने पूरे होंगे जब होंगे.
ये दिन भी तो इक सपना है.
इस धरती पर आने का.
सपनो को साकार करो तुम.
लेकिन सपनो को रहने देना तुम सपना.
व्यर्थ नही करना - वो जो दिन है अपना.

Comments

Popular posts from this blog

मर्यादा

प्रेम - तलाश ख़त्म

वट सावित्री