Howrah Station - Early morning


Howrah Station - Early morning
Originally uploaded by grantaustralia

हर रोज़ जिंदगी इतनी हँसी कहाँ होती है
हर रोज कहाँ दिखती है इतनी सुंदरता
कब ढलता सूरज बस आहट ना होकर आँधिया रे की
लगता है रंग बिखेरता पिचकारी की
हर रोज कहाँ आती है हँसी इन होत्ठो पर सोचकर कोई पुरानी बात या
करके उसको याद कभी कभी ही बस दिल करता है
जी भर जी लेने को
आज वही दिन है तो जीने दो जीभर के

Comments

maithil said…
kavita bahut achhi hai nichay hi ji bhar ji len aaj kyunki rah roj wo baat nahi hoti
Unknown said…
Kal ka kisko pata 'Aaj apane hatho me hai"
Unknown said…
Hi Thanks for using my picture in your blog. Do you have an english translation for the devanagari script so I can read the post?

Thanks

Grant

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