माँ
Mother and Daughter
Originally uploaded by Serlunar
माँ
माँ तुम बिन कष्ट नही है बस सूनाप न है
हर बात तुम्हारी रह रह कर याद आती है
फिर लगता है , ये कहती जो तुम होती
पर कही नही , तुम आस पास
बेतार इन तारो से करूँगी कितनी बात
होता है मन मे ये भी पछतावा सा कभी कभी
नही हुआ वो, की रह ही गया ये जब तुम थी यही
हर बात तुम्हारी छोटी छोटी, हर काम तुम्हारा बड़ा बड़ा
बस तुम ही थी जो चली गयी, और सब कुछ रह गया पड़ा पड़ा
तुम्हारे चूड़ी की आवाज़ नही, नही तुम्हारी आहट है
माँ तुम बिन कष्ट नही है बस सूनाप न है
अपनी जादूभरी उंगलियो से तुमने अनगिनत कलाए की
मेरे घर के हर कोने को, कोई ना कोई निशानी दी
उन के गोलो और कांटो से, तुमने दे दिया आकार
सामने तुम्हारे ही हर दिन, हुए मेरे सपने साकार
साथ तुम्हारे , चले गये पापा भी ये कैसे हम भूलेंगे
बाते अनगिनन गीत पैरो की आहट, घर के कोने भी ढूंढ़ेंगे
हँसने और मुस्कुराने के, अब बचे नही बहाने है
माँ तुम बिन कष्ट नही है बस सूनाप न है
बन कर नन्ही सी बच्ची फिर, छिप जाऊं तुम्हारी गोदी मे
दुनिया कितनी सुंदर होती, जो बस रह जाती तुम्हारी बेटी मैं
यू ही सोचा और आई लम्हे भर को हँसी
थी तुम इतनी दूर की कुछ कह पाई नही
एक गुड़िया जैसी तुम , मुझे दूर से दिखाई दी
आँखो मे क़ैद किए आँसू, हम सब ने तुम्हे विदाई दी
कुछ ही दिन है की हम आएँगे, बस इतनी तसल्ली है
Comments
This is one of your best.