होली

होली बस त्यौहार नहीं
पूरे जीवन का सार है ये
ये नीले पीले रंग नहीं
खुशियों का आधार है ये
रंग कर चेहरे एक दूजे के
सब इक रंग में रंग जाते है
बाँट गिले शिकवे और खुशिया
तो ही हम इंसान कहाते है
हम भी तो रंगों जैसे है
दिखने से सबसे अलग अलग
पर हिस्से है इक परिवार के
होली के दिन सब मस्त मलंग
मिल कर अबकी होली में फिर से हुडदंग मचाएंगे
कौन छोटा और कौन बड़ा, सब एक रंग में रंग जायेंगे

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