एक रंग

मैं तो रंगी बस एक रंग साजन
रंग चढ़े न दूजे
चाहे डारो कितने , रंग बिरंगे
प्रीत का रंग न छूटे
बिन तेरे मेरा मन अँधियारा
न कोई दीपक, करे उजियारा
कैसी होली कैसी दिवाली मेरी
जीवन मेरा जैसे दिशा हारा
हरपाल लगी बस आश दरश की
यादे ह्रदय में लाखो बरष की
एक होली में ऐसी रंगी में
कोई भी होली फिर ना खेली मैं

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