लम्हों की जुगाली
याद किया तुमको जब कल भी
यादो के गलियारों में
खेतो में खलिहानों में
बाते सारी कर के याद
लम्हों की जुगाली की
मौसम में बहारो के
जैसे उग आती है घास
हरे भरे मैदानो में
बाते यादे थी भरपेट
बाहो में सब लिया समेट
याद किया तुमको जब कल भी
यादो के गलियारों में
खेतो में खलिहानों में
बाते सारी कर के याद
लम्हों की जुगाली की
मौसम में बहारो के
जैसे उग आती है घास
हरे भरे मैदानो में
बाते यादे थी भरपेट
बाहो में सब लिया समेट
याद किया तुमको जब कल भी
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