पैरो के निशान कुछ इस तरह
दिल पे हमारे, लिखे हैं तुम्हारे
की पढने जो बैठे ,तो पढ़ तो लेंगे
है इतना भाषा का हमको तो ज्ञान
लेकिन गणित में पिछड़े हुए है
ये टुकड़े दिल के कैसे गिनेगे
उम्र हमारी गुजर ही जाएगी
इसीलिए करके उनको अनदेखा
बस निशान तुम्हारे उम्र भर पढेंगे

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