दिल में यु तो आरजुएं हज़ार


जो पाती हैं बस इंतज़ार

तडपती रूह है हर पल

पाने को उनके एक दीदार

आँखे खुली हो या हो बंद

नज़र आते हैं बस वही

छूटती हर लम्हे के साथ

उनसे मिलने की उम्मीद

ख्वाबो और खयालो में

बनाकर एक ताजमहल

भरकर सनम को बाहों में

हो जाए किसिदीन ये जो अगर

गुज़र जाए मुहब्बत का जूनून


इस जिश्म से , इससे पहले

की बंद हो जाए धड़कना दिल का

और रह जाए तरसती रूह

सदियों तक

हमारे ताजमहल में




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