बस जो तुम हो साथी


जो रिश्तों को दोस्त मेरी नज़रो से देखो
ना मैं तुमको जांचू , न तुम मुझको परखो
ना नापो ना तौलो , ना काटो ना कतरो
दिल की दो टूक बाते, जस की तस रखो

क्यों पहने मुखौटे , क्यों बस मीठी बाते
है जायज, सही है, जो नाराज़ तुम हो
मुझपे रखो भरोसा , इतना तो हक़ है
कहो जो है तुमको , मुझसे शिकायते

ना हो कोई गवाही, ना दे कोई सफाई
हो आसान सब कुछ , बस जो तुम हो साथी

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