लेहेकती है बाती, बस तब दिये को
फ़ून्क से जब अन्जाने इसको, बुझाते हो तुम
बुझते हि इस दिल के, होगा घुप अन्धेरा
रोशनी ्हमारे प्यार कि , सदा को
खो जाओगे तुम
गिरोगे, उठोगे , फ़िस्लोगे , सम्ह्लोगे
उन्ग्लियो से दामन मेरा
टटोलोगे तुम
खुश्बू सी शायद तुम्को ,मेह्सूस हो भी जाये
रन्ग प्यार का रत्ती भर
नादेख पाओगे तुम
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