तुझे देख कर जो हंसी , लबो पे फैलती है
तुझे छूकर, धड़कने दिल की, जो बेतहाशा दौड़ती है
नशा इस अनजाना जो करता है बेकाबू
क्या कहते है इसी को, प्यार या है ये काला जादू?
तुझे छूकर, धड़कने दिल की, जो बेतहाशा दौड़ती है
नशा इस अनजाना जो करता है बेकाबू
क्या कहते है इसी को, प्यार या है ये काला जादू?
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