कुछ रिश्ते

जितने करीब होते हैं

ठीक उतने ही दूर भी

यु तो मिलो का सफर साथ

पर ओझल, आते एक मोड़ भी

 ये लगातार उम्र भर की भाग दौड़

कभी आगे कभी पीछे

कभी यहाँ कभी वहां

थक बैठ जाते जब सब कुछ हार

जाने तुम्हे पाते,कैसे करीब वहां

और ऐसा लगता की अर्से लम्हे से थे

और हैं अर्से लम्हों से कम

पास भी ही तो हो आँखों  में आंसू

और खोये हुए भी हो आँखे नम

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