ये जिंदगी बला है 

है आरज़ू दिलो में तो फिर गम का सिलसिला है 

जाहे जिस नज़र से तोलो, यार जिंदगी बला है 

बेकार सारे सिकवे गिले, बेकार हर फलसफा है 

बने निगले और उगले, ये जो जिंदगी बला है 

पल में रत्ती और पल में माशा, मजाक खूब भला है 

जो आखिरी सांस तक टले, जिंदगी वो बला है 

जो खुंटे में अरसो से बंधे , तेरा भी, मेरा भी गला है
अब कटे की तब कटे, की छूटे, ये जो हो चला है 

Comments

Popular posts from this blog

मर्यादा

वट सावित्री

प्रेम है