चलते चलते जो मैं कभी 

बिन बात ठिठक जाऊं

तो समझ लेना उसकी यादो ने 

रास्ता रोक लिया है 

कहते कहते जो मैं कभी 

हरेक बात भूल जाऊं

तो समझ लेना उसने बातो से

मन मोह लिया है 

जो ढूढ़ने लगूँ इधर उधर 

इक खोया हुआ सामान  

समझलेना अब तक उससे 

उलझा रख है दामन 

जो एक दिन कही मैं

खो जाऊं इस अंतहीनमें 

समझलेना आखिर मिल गए

 उस प्राण से ये प्राण 



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