इश्क़ हो गया तुमसे अबतो
चाहे कोई रूठे
नहीं छोड़नी तेरी बांहे
चाहे दुनिया छूटे
खबर तो अब ये फ़ैल गयी है
गली गली चौबारों में
की चाँद से रोशन रात हुयी है
घरों ने और बाज़ारों में
निकल पड़े है आज सड़क पर
सेकने शुकुन चाहत की
सदियों से थी गर्म हवाएं
हवा चली फिर राहत की
बड़ी बड़ी बाते करते थे
रोशनदानों से झांके अब
क्या पा लेंगे और क्या खोया
मन ही मन में आंके अब
मधुर राग में गरजे बादल
आज अब बरस जाने दो
कबतक रूठी रहोगी धरती
टूट के बिखर जाने दो

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