राधे राधे
बने जो तुम
केश कुञ्ज
हम भी मोर
पंख हुए
हुए जो तुम
अधर श्याम
हम बंसुरी और शंख
हुए
उठे जो लिए
चक्र को वो
हम बनकर बाजूबंद
उठे
नीर जो यमुना
तीर बहे
हँसी से हम,
नैनो में रूठे
रंग मेरे संग
मेरे
गिरीजीवन
का बोझ काँधे
कैसे उसे कोई
और समझू
कृष्ण राधे, राधे राधे
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