प्यार अपना सच्चा
हवाएँ
महकने लगी आज फिर से देखो
है क्यों जागी वैसी तमन्ना फिर बोलो
दबा रखा था जिसे हमने दफन सीने में
क्यों वैसी राज अब इस ज़माने में खोलो
बेज़ुबान बेबयान आरजुएं जो बाक़ी है
वो यु ही बिन हवा पाए जो मर जाए अच्छा
कब थी मुझको उम्मीदे और चाहतें तुम्हे
न भी मिले तो क्या , कौन सा प्यार अपना सच्चा
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