बौराई हो जो ऐसे पवन 
उनके बस आने की खबर से
जो ही गए वो 
तो क्या बवंडर बनोगी
नदी से जो बह रही है 
सूनी अंखिया इंतज़ार में
जो दरश हुए 
तो क्या समंदर डुबोओगी
रोम रोम खिल उठा है
की दूरी कैसीकौन देरी
है वो रंग अम्बरसरिया 
और मैं अम्बर कहाऊंगी 
तू ही मेरा सुहाग भाग 
सुख संग पिया तोरा 
प्रीत के अनगिनत फेरे 
हर जनम, निभाऊंगी 


Comments

Popular posts from this blog

Love is

प्रेम है