दिलो में रहने वाले

और ये कहने वाले

चलो अब जाते है हम

यहाँ अब घुटता है दम

कर के खाली कमरा

देते हो हाथ में चाभी

जैसे आने जाने पर

हमने कभी मुहर लगायी

मिलते रहेंगे कहते तो हो

पर दोनों को हैं पता

वादों के कितने पक्के

ये हैं क्या हमसे छिपा

आओ दुबारा

की कही जगह भर लूँ

अपने दिल के कमरे को

रंग से अपने भर दूं

जहाँ रहते तो तुम

जानती हु वो कोना

जब भी नज़र पे आएगा

लगेगा सूना सूना

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