किसने कहा था
आसान होगा
किसने कहा था
न वीरान होगा
न होंगे इनमे कांटे
और लहू हाथ
पे अपनों का
ये दुनिया है मेरे
बंधू
नहीं ये सफर
सपनो का
मैंने कब कहा
था
हँसी खेल में
कटेगी
यहाँ तो बात
बात पे
तुम्हारी
आरज़ू बटेगी
खोएंगे भी छूटेंगे
भी
पडेगा तुमको ही चुनना
जो बाद में
पछताओ
तो हमसे मत कहना
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