भूले तो नही थे
पर ये याद रखना भी तो नही हुआ
दुवाओ मे शामिल थे
पर, लबज़ो मे कहना तो नही हुआ
देर ही सही
अब तो कबूल कर ले
जहाँ रंजे इश्क़ था
उन गलियो से जो गुज़रे, तो ठहरना नही हुआ

Comments

Popular posts from this blog

मर्यादा

वट सावित्री

प्रेम है