जले ज्योत
हो उजागर
आज भी 
कल भी अपना 


चीर अन्धकार 
कर पुकार 
रौशनी रौशनी
प्रकाश हर प्रकार 


अन्तर्निहित 
कोटि ज्योति पुंज 
आज हो प्रकट 
हे मनुज 


दीप हाथ ले
दीप साथ ले
दीप रख ह्रदय 
दीप माथ ले


दीप तुष्टि में
दीप सृष्टि में 
सर्वत्र दीप
दीप दृष्टि में 


बना पांत 
हो हमजोली 
सब एक ज्योत 
इस दिवाली 

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