लाख खा  लू मैं कसमे

वादे भी खुद से

कभी अब ये ऐसा फिर

नहीं हम करेंगे

नहीं नाम लेंगे

देखेंगे चेहरा

वास्ता तुझसे अब

हम कोई रखेंगे 

पर एक आहट पे तुम्हारे

बदल जाते हैं मौसम

आखिर बार फिर से

दिल ये गुस्ताखी करेंगे

बस एक आखिरी बार?

Comments

Popular posts from this blog

मर्यादा

वट सावित्री

प्रेम है