जिंदगी तो राह है
कोई मंजिल नहीं
चले साथ जबतक
मौत हासिल नहीं
क्यों भीड़ से गुज़रे
कतरा कर के
क्यों खो दे खुशिया
घबरा कर के
क्यों ढलका दे
नैनो से सपनो को हम
वक़्त ही घाव है
वक़्त ही मरहम

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