जब रिश्ते टूटते हैं
या तोड़ने पड़ते
है
तो अंदर
भी
कुछ टूट
जाता है
मर
जाता है
रह
जाती है
यादो
की लाश
मुर्दा
बिना एहसासों के
साथ
डर भी होता
है
की कही
कोई भूत
आकर
घर न बना
ले
दरवाजे खिड़किया
बंद करके सोते
हैं
रौशनी दिन
रात जलाते हैं
पर अँधेरे नहीं
मिटते
न हो
पाता है श्राद्ध
न होती है
शांति
अथाह अधर
में
लटके जिए
जाते हैं
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