भेजो एक मौसम
मुझे तुम फूलों
के
बाँध के खुशबुए
पते पे अपने
दिलो के
सर्द रातो में
आँच
मैं ज़रा तेज़
कर लूँ
हथेलियों
के बीच तेरे
मैं जी भर
के पिघलूँ
नहा लूँ , मैं बह
लूँ
मन को कर
लूँ मैं घायल
कौन किसको समझाए
जो दोनों हो पागल
Comments