हम भी कुछ
कर लेंगे
एक दिन, जी
लेंगे
उम्मीद लेके ऐसी
ही
भागे जाते हैं
दौड़े दौड़े जाते
हैं
किसीको नहीं पता
इस अंधे कुए
में
कोई किसी की
नहीं सुनता
हाथ जो टकरा
जाते हैं
झटक के फिर
बढ़ जाते है
हम भी कुछ
कर लेंगे
एक दिन, फिर
कभी
जी लेंगे
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