दिल खोल कर इकबार 
लुटाई और समेटी है ख़ुशी 
बाँध के अब ये पोटली 
छिपाकर रखना है सबसे 

न कोई चुरा ले न कोई छीन ले मुझसे 
तन्हाई में बस चुपचाप 
निहारती हूँ उन लम्हो को 
जिसकी बाट जोहि, ह्रदय ने जाने कबसे


ज़रा और मुस्कराएं
हँसे और खिलखिलाएं 
जिंदगी खूबसूरत है 
स्वयं जाने और बताएं

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