चलो रिश्ते निभाते है
खरी खोटी सुनाते हैं
मुहब्बत तंग गलियों में
हुआ आबाद करती हैं
पकड़कर उंगलियां
बीते जमाने याद करते हैं

Comments

Popular posts from this blog

मर्यादा

वट सावित्री

प्रेम है