इस्तेहार

इस्तेहार 
अर्जेन्ट है 
एक दर्जी चाहिए 
किसी को पता हो
तो तुरंत बताये 
फलाना नंबर पे

थोड़ा खास दर्ज़ी चाहिए 
जो सील सके, मेरी जुबान 
क्युकी अपने लगाए टाँके 
मेरे जब तब खुल जाते है

कभी दवाब में, कभी अभाव में 
एक ही तो है
पर अब तार- तार हो चली है

जरा सलीके का दर्ज़ी भेजो, कोई 
या रफूगर भी चलेगा
बढ़िया सा , जो लगा सके पैबंद 
एक मीठी जबान का 

एक ऐसी शहद भरी 
जैसे मैंने सुन रखी है 
कहाँ? अरे इनके तानो में

बस कोई ढंग से सिल दे
ऊपर से 
वैसे भी मेरी जुबान 
अब किसी काम की नहीं रही 

है ऐसा कोई?
मिले तो ज़रा बताना 
करना कॉल 
फलाना नंबर पे 

Comments

Popular posts from this blog

Love is

प्रेम है