डर के आगे जीत है 
डर के आगे, बढ़ जा आगे 
मूंद के आंखे 
बंद कर कान 
कौन कहे क्या 
कौन करे क्या 
झटक के दामन 
बढ़ जा आगे 
कौन सा जोखम 
कौन सा खतरा 
अभी नहीं तो , कभी न होगा 
डर का दरिया 
पार उतर जा 
मार के डुबकी, हो जा ओझल 
पलक झपकते 
सांस घुटेगी
पर रखो यकीं के 
यही मिलूंगी 
डर के आगे 
जीत ही जीत है 

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