हमें तो दूर जाना है

अभी तो सीधे सीधे रास्ते
आकर मिले हैं
अभी तो जानी पहचानी
सी आहट सुनी है
अभी कहाँ
हुआ है वक़्त सवालो
में उलझने का

अभी तो बस उंगलियां
ही उलझ जाएँ
उंगलियों से
तो थोड़ा कट  जाये सफर
हंसी सी आँख में हो
और दिल में तितलियाँ उड़ती

अभी तो
बसंत आया ही है
क्यों हम बाँध के डेरे
करें शीत की तैयारी
अभी थोड़ा उड़े
थोड़ा गिरे

थोड़ा नजर का
नजरो से मिलना
और धड़कन का
बहक कर के सम्हलना
भी तो होने दो

अभी तो दूर जाना है
हमें तो दूर जाना है 

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