लोगो को क्या और कितना चखना है
बहुत अच्छी तरह पहचानती हूँ
तभी तो नाप तौल कर हिसाब से
ठीक उतने ही एहसास परोसती हूँ
सजाकर चमचमाई हुयी परात में

बरनियो में भरकर रखती हूँ
मीठी हंसी और नमक के आंसू
और तानों के कुछ तीखे मिर्च
किचन बड़े सलीके से चलाती  हूँ
With हर मसाले हैं , उम्दा किस्म के

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