बेवफ़ा
तेरे पते पर
गुलों के काफ़िले भेजे है
क्युकी हमें भी तो
हमारी वफ़ा का
गुरुर है
...
अब क्या कहे
हमारे इश्क़ से
हमारे सारे शेर
भी कमब्खत
अधूरे से हैं

Comments

Popular posts from this blog

प्रेम - तलाश ख़त्म

प्रेम है

मर्यादा