बड़ा नखरा करती हो , खौँझाके कल कह रहे थे
अभी तो शुरुआत भी नहीं, सोच के मुसक रहे थे
देखते जाईये , कितना और अभी एग्ज़ाम होगा
ये प्रेम है प्रेम,इसको क्या हलुआ समझ रहे थे ?
अभी तो शुरुआत भी नहीं, सोच के मुसक रहे थे
देखते जाईये , कितना और अभी एग्ज़ाम होगा
ये प्रेम है प्रेम,इसको क्या हलुआ समझ रहे थे ?
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