इक मोड़ पर जिंदगी मिली

और फिर खो सी गयी

लेकिन मिले थे तो, नजरें भी मिली थी

और धड़का था ये दिल, कुछ जोर से

चौंक उठी थी दिशाए, कांप उठे थे

ऊंघते से ख्वाब, उसके शोर से

यूं लगा था, अब कहाँ जायेंगे, क्यों जायेंगे

सबकुछ छोड़कर, इस बला के खूबसूरत मोड़ से

जिंदगी है , बेवफा , वो रूठ करके बढ़ गया

भूल कर के वादे, मेरा इश्क़ शूली चढ़ गया

अब भी क्यों, यादें टपकती आती है तेज़ाब सी

हम तो घसीटे जा रहे थे, लाश अपने ख्वाब की

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