झूठ्ठो मुठ्ठो का प्रेम हमसे न होगा
समझ के रखिये, अभी से कह रहे हैं
सोलह आना निभाएंगे? तो पक्की करे
वरना बहुतेरे है, जो हमें कब से सह रहे हैं

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