सुबह से आज मिजाज
थोड़ा  गड़बड़ा गया है
उ कहें हैं आएंगे
मन घड़बड़ा गया है

कभी काजर कभी टिकली
कभी हम केश सवारे
ऐना भी आज समझो
एकदम चरफरा गया है

Comments

Popular posts from this blog

प्रेम है

Love is