हमसे भुलाई न गयी
उनसे बेवफ़ाई न गयी
बात तो शर्तों की थी
दोनों से निभाई न गयी

तय था की न वादे
न होंगे दिलों के सौदे
जानकार भी मिट गए
हम उनके सारे इरादे

मैं एक ऐसी माशूका
जिसका न आशिक़ कहीं
खुद शम्मा और पारवाने
न जली, तो बुझी भी नहीं

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