हम इंसानो को भी न
हमेशा नयी दुनिया
बनाने की पड़ी  होती है

क्यों न उसे भी आजमाले
अच्छी भलो जो
कुदरत ने दे रखी है ?

Comments

Popular posts from this blog

मर्यादा

वट सावित्री

प्रेम है