पहचानोगे कैसे २
पहचानोगे कैसे २
मूड तो आज भी नहीं है, लेकिन वादा किया था की बात आगे बढ़ाई जाए. वादे की पक्की हूँ मैं, अब ऐसा मैं सोचती हूँ. लेकिन सच मानो तो, मुझे अपने पे भी ज्यादा भरोसा नहीं रहा कभी.
क्यों?
सब, मुये प्रेम की वजह से.
कौन सा वाला प्रेम?
अरे वही, मैंने प्यार किया वाला प्रेम.
"आते जाते। ..हँसते गाते।।वो पहली नज़र , हल्का सा असर" . कच्ची उम्र थी, कर लिया यकीं. नतीजा? कहानी पे कहानी, कविता पे कविता लिखे जा रही हूँ , अरसो से.
हाँ, यही टॉपिक है आज का.
एक और निशानी , पहचानने की.
प्रेम जो है न, वो तुमसे ऐसी ऐसी चीज़े करा देता है जो तुमने कभी सपने में भी नहीं सोची थी. कभी सनकी , कभी उटपटांग और कभी तो , अब क्या कहूँ... मर्यादा गरिमा ईगो सब कुछ, सबकुछ को तिलांजलि देने वाली बात भी कर बैठते हैं लोग.
अब, नो पर्सनल क्वेश्चन.
ज्ञान चाहिए? तो बस उतना ही मिलेगा.
अब होता यु है, की तुम्हे एक हल्का हल्का शुरुर होगा और जिस मोमेंट में वो शुरुर होगा, उस मोमेंट तुम जो भी कर रहे हो या सोच रहे हो , वही बन जाएगी तुम्हारी लत.
अगर, गली के मोड़ पर तुमने देखा था वो लहराता आँचल और बस छा गया था "पहला नशा.. पहला ख़ुमार ", तो जनाब अब आप हफ्तों उसी मोड़ पर पाए जायेंगे. आंधी , तूफ़ान, धूप , बारिश या कर्फ्यू। कुछ भी रोक नहीं पायेगा आपको, और कही अगर रोक भी लिया तो जो बेचैनी और छटपटाहट आप महसूस करेंगे , उफ़ तौबा तौबा.
तो आजकल के ज़माने में ऐसा फेसबुक प्रोफाइल , इंस्टाग्राम अपडेट या स्टारमेकर की उस मनमोहक आवाज के साथ भी शुरुर हो सकता है , बस और क्या। देर रात आपके चेहरे पर होगी स्मार्ट फ़ोन की ग्लो और कानों में ईरफ़ोन.
कभी कभार ये सब एसोसिएट हो जाया करता है, उस पेंटिंग, उस कविता या उस पार्क के बेंच पे भी.
और फिर आप बन जाते है, पेंटर , कवी, लेखक या कारपेंटर?
बात का सार ये है, की प्रेम जो है न वो सत प्रतिशत आपके किसी न किसी एक एंगल को उभार कर एकदम सामने ले आता है. आपको खुद से प्यार सा होने लगता है, आप खुद को एकबार फिर अपने आपको पहचानने लग जाते है और इस मोमेंट को बार बार जीना चाहते है जब हिट किया था, वो शुरुर.
और जब आप इस हम्सटर व्हील में पड़े होते है, हलकी मुस्कान लिए अपने चेहरे पर गोल गोल घूम रहे होते है, बाकी दुनिया आपके हालात से बेखबर आपको अपने हिसाब से फिट करने में लगी होती है. और तब , तब आता है कहानी में ट्विस्ट.
ट्विस्ट के लिए, थोड़ी प्रतीक्षा करनी पड़ेगी.
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