प्रेम बिकता है तो 

विरह भी तो बिकता है यहाँ 

नहीं बिकती है तो 

बस जीने की आरजुएं यहाँ 


वो मिल गए थे अच्छा 

बिछड़े तो और भी बेहतर 

ख्याब बिछड़ो के मिलाने के

जनाब! बेहाल और बदतर 

Comments

Popular posts from this blog

मर्यादा

प्रेम - तलाश ख़त्म

वट सावित्री