मास्क ज़रूर लगाइये क्युकी बचने में ही भलाई है.

 


क्या कोरोना कोरोना लगा रखी है. 


प्यार नहीं हुआ क्या कभी ? 

ठहरो बताती हूँ. 

मुझे हुआ था एक बार. 

और वो भी क्षण भर में। आफत ये की , किसी को खबर तक नहीं हुयी, इन्फेक्टेड को भी नहीं. 

लेकिन सिम्पटम्स , तौबा तौबा. नींद ख़तम, भूख प्यास सब ख़तम , पसीने - पसीने और धड़कने तो लगता था जैसे किसी ने कलेजा निकाल रेल की पटरियों पे रख दिया हो, जिसपर ट्रैन आती नहीं की कुचल ही डाले 

लेकिन लगातार धड़ - धड़ धड़- धड़. बस, ऐसे ही चलता रहा , और सामने वाला एसिम्पटोमैटिक था तो अब किसको दोष दें भला. 

हमने भी न फैलाया ये रोग और आइसोलेशन मैंटेन की. 

और समझ लिया की इम्यून भी हो गए. 

लेकिन देखे , क्या पता अब देश की हालत देख रही हूँ तो लगता है की कहीं , खुदा न खास्ते कोई नया स्ट्रेन आएगा मार्किट में तो फिर से इन्फेक्शन न हो जाये. 

तो बंधुओ , प्रेम हो या कोरोना।  

मास्क ज़रूर लगाइये क्युकी बचने में ही भलाई है. 

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