जिंदगी वो गुमशुदा जब साथ होती है तभी तो यादो की बरसात होती है छूट जाया करते है हाथ संग उनके लम्हे भी रास्तो में जब घनेरी रात होती है जब पता हो है सुबह दूसरे छोर पे तब कही जा के रातें बर्दाश्त होती है भूलता है दिल धड़कना करवटें लेता है समय जब तुम्हारे दिल से हमारी सीधी से कोई , बात होती है
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Showing posts from July, 2016
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मेरा होना न होना कहाँ रखता था कभी मायने तभी तो मैं नहीं हूं अब तुम्हारे कल का हिस्सा मेरा कहना या चुप रहना दोनों ही थे हमेशा बेमतलब तभी तो अब मुझतक ही सीमित है मेरा हर किस्सा जो खोया मैंने खोया क्योंकि तुमने तो कभी न की मुझे पाने की भी लालसा न कोई प्रयत्न या दिखावा तक फिर कैसा प्रतिशोध और क्योंकर कोई अपराधबोध जो मिला वही था उपहार यथेष्ठ अब बस एक दूसरे पर नजर टिकाये चलो चलते जाए इस प्रेम , कर्तव्य और आकांक्षाओ के महासंग्राम में समय की कटार पर जिसमे न हो धार की मालूम न चलनेवाले की प्रवीणता का अंदाज तय है तो बस गिरना तो बस चले चलो चले चलो
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इश्क़ हो गया तुमसे अबतो चाहे कोई रूठे नहीं छोड़नी तेरी बांहे चाहे दुनिया छूटे खबर तो अब ये फ़ैल गयी है गली गली चौबारों में की चाँद से रोशन रात हुयी है घरों ने और बाज़ारों में निकल पड़े है आज सड़क पर सेकने शुकुन चाहत की सदियों से थी गर्म हवाएं हवा चली फिर राहत की बड़ी बड़ी बाते करते थे रोशनदानों से झांके अब क्या पा लेंगे और क्या खोया मन ही मन में आंके अब मधुर राग में गरजे बादल आज अब बरस जाने दो कबतक रूठी रहोगी धरती टूट के बिखर जाने दो
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তুমি রাখবে মনে তাই বলে রাখলাম কথা গুলো যে আমার মনে থাকে না তুমি রাখবে যত্ন করে তাই দিয়ে এলাম অসংখ্য স্মৃতি যে আমার কোনো দিন হয় নি জানি , যদি কোনো দিন আমি চেয়ে বসি , তুমি দেবে আবার সেই ভালোবাসা তাই ছুঁটে বেড়াই আমি যাযাবর মতন ঘর করা , যত্ন করা আর মনে রাখা কেন যে কোনো দিন পারি নি ভালো বাসা টি কিন্তু বলে রাখলাম মনে রেখো
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वक़्त की किसी दरार से गुजरती सर्द इस बयार से आहटें आती है कहानियां सुनाती है की बंद हैं इनकी मुट्ठी में वो लम्हे हमारे जो हमने साथ गुजारे कुछ जो हमने चखे कुछ अनजाने में हैं झांकती कही से हम सी दो जोड़ी सूखी सी आखें उम्मीद में हमारे की कभी तो लौटोगे हर पल का इंतज़ार हर पल में वही बेबसी वक़्त के ग़ुलाम रूह को बस हक़ है तो उदासी