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Showing posts from August, 2019
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One dance Honey Just One more dance One last dance Before a dance That lasts forever and ever Here in your arms Swept off my feet Here in my eyes Dreams your, I keep With you, I swing Weak in my knees Words , whispers, song The silence, speak Just this dance This little romance When the blue birds sing  the moon melts down And the clouds rain Thunders clapping around You me and you Me you and me Who will know who is Me in you or you in me Just one dance one more last dance  
गिले तुमसे नहीं थे कभी  न ही खुद से शिक़वा  किस्मतो का ही कुछ ऐसा  न था मिलना लिखा   लगा था एक पल को  की बस अब सांस ले सकेंगे  जितनी बातें बंद थी हलक़ में  तुमको खुल के कह सकेंगे   लेकिन,कहके भी सबकुछ  अबकुछ कहने से डरते हैं  पूछता है दिल हर पल   क्या हम अभी भी धड़कते हैं ?  आंखे ढूँढा करती है निशां  पाँव के तुम्हारे  हर झोंका देता है भ्रम  तुम क्या पास हो हमारे ?
लहरें आएंगी  और फिर बहा ले जाएँगी  लेकिन इस डर से क्या  हम रेत के अपने महल  फिर से बनाना छोड़ दे? नींद खुल जाएगी तो क्या  सपने सजाना छोड़ दे? 
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बादलों की तो फ़ितरत हमेशा उड़ जाने की ही है ऐ बारिश तू भी अब क्या इसके इश्क़ में सबको दग़ा देगी?
कहने को सावन बादल नहीं कोई बस वही दो बरसी जो अँखियाँ न सोई न बदले ये मौसम बस आये रुत जाए मुई मन का कलेश ये ठहरी काली घटाएं जाने कितने जतन से जो थी जन्मो पिरोयी टूटी माला के मोती अब मैं चुन चुन के हारी न पूछो मुझसे बतिया जानू तेरी ठिठोली तू वो न हो सका मेरा जो मैं पल भर में हो ली
হয় বিকেল দেখো, ভীষণ অন্ধকার হাথ ধরে , একটু বসি আজ এই মেঘলা আকাশ চোখে রেখে চলো  ঘুমিয়ে পড়ি যদি বৃষ্টি হয় কান পেতে সঙ্গে তোমার, শুনি 
घुट घुट जी रही थी  घुट घुट के मर रही थी  करने को तुझ से दिल की बात  शायद मैं अब तक यहाँ खड़ी थी 
तुम जो सो रहे है तो तुमको निहारू जी तो करता है नींद में तुमको पुकारू बताओ न , नाराज हो तो न जाओगे वादा करो न आज भी तुम  सपनो में आओगे ? निभाओ न सही लेकिन होतो तसल्ली खयालो में मेरे रहो न यु ही तुम क्यों बाँधी है तुमसे ये मन की डोरी खींचे क्यों मन को मेरे जो ऊंघते हो तुम? 
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कहाँ जा रहे हो? जरा तुम बताओ ये लहरों में बहते, क्या किरणों के पीछे? क्या तुमको पता है , कहाँ है किनारे ? क्या तुम जानते हो, प्रकृति के इशारे? बड़े मस्तमौला मगन  तुम हो दिखते है पानीयो से ,  कुछ गहरे से रिश्ते? बड़ा मनचला सा,  मेरा भी मन है चलो संग अपने,  मुझे भी ले जाओ?
इन पर्वतों के दायरों में  खुली वादियों की बाहों में  शुकुन से रह लेने दो  जी भर के रो लेने दो  तरसने दो दिल की आहों को  बरसने दो अब निगाहों को  रूठ , टूट , छूट जाने दो  इन बेगानी सी पनाहों को  लबो पे मुस्कराहट हो  पर आँखों में ठहरी सी नमी  भर जाए तमाम जन्नते यहाँ  दिल में हो ज़रा सी फिर भी कमी  खुद से गैर, हो के  लगे गैर के गले चलो  सच था, या सपना  किसको पता? तुम्ही बोलो 
माना की सफर नहीं आसान  और मुश्किलें हैं राहों  में  पर अभी अँधेरा इतना भी नहीं  की वापस लौट जाएँ हम  कहाँ बस में कभी हालात  कहाँ बस में कभी जज्बात  अभी उम्मीद जिन्दा है  अभी ढलने को बाकी रात  न रूठो तुम की  मनाने की इज़ाज़त तक न हमको है  न छीनो ये शुकुन  की नाहक अब मुहब्बत है