एक ही नाव के यात्री हम
एक ही नाव के यात्री हम तुम और मैं चले थे जब जब तो नही थी ख़बर की किन थपेडो मे हमारी नाव जाएगी अनजाने से एक दूसरे से बस हो गये सवार करके हवाले - अपना भविष्य इन मतवाली लेहेरो को कुछ दूर गये तो देखा कोई नाविक कही नही था घबराकर - करके समझौता हालातो से कभी तुमने कभी मैने स्महाली पटवार और कुछ दूर गये लेकिन फिर भी कही नही था कोई किनारा बस बढ़ते रहे और सिख लिया लेहेरो मे जीना लेहेरो के राही हम तुम और मैं एक ही नाव के यात्री हम तुम और मैं